प्राचीन भारत के ऐतिहासिक स्रोत (स्मारक भवन मूर्तियां और चित्रकला)
स्मारक व भवन
: स्तूप की पहली चर्चा ऋग्वेद में मिलती है बोल दिया तथा स्तूपों का निर्माण 4 से 5 वी शताब्दी ईसापूर्व के बाद हुआ था।
:मंदिर निर्माण की नागर बेसर तथा द्रविड़ शैली प्रचलित थी। मंदिरों का निर्माण गुप्तकाल से प्रारंभ हो चुका था।
: पटना के कुम्हरार से चंद्रगुप्त मौर्य के राज प्रसाद के अवशेष प्राप्त हुए हैं।
: अशोक ने बराबर की पहाड़ी में तीन गुफाओं का निर्माण कर उन्हें आजीवक संप्रदाय के अनुयायियों को प्रदान किया था ।यह गुफाएं थी सुदामा गुफा करण चौपड़ तथा विश्व झोपड़ी।
: अशोक के उत्तराधिकारी दशरथ ने भी लोमश ऋषि तथा गोपी का नामक गुफाओं का निर्माण नागार्जुनी पर्वत में कराकर आजीवक साधुओं को दान में दिया था ।
:कंबोडिया के अंकोरवाट मंदिर तथा जावा के बोरोबुदुर मंदिर से भारतीय संस्कृति के दक्षिण एशिया में प्रसार का पता चलता है ।बोरोबुदुर मंदिर का निर्माण संभव है 9 वीं शताब्दी में हुआ था।
मूर्तियां व चित्रकला
: कुषाण काल में बौद्ध धर्म से संबंधित मूर्तियों का निर्माण होने लगा, जिन पर विदेशी प्रभाव देखा जा सकता है ।
:बुद्ध की प्राचीनतम मूर्तियां गांधार कला में बनाई गई है। भरहुत बोधगया सांची तथा अमरावती से प्राचीन बौद्ध प्रतिमाएं प्राप्त हुई है ।
:गुप्त काल में मूर्ति निर्माण की गांधार तथा मथुरा निर्माण कला प्रचलित थी ।गांधार कला पर यूनानी प्रभाव अधिक व्याप्त है।
: अजंता की गुफाओं के चित्र प्रथम शताब्दी ईसापूर्व से लेकर सातवीं शताब्दी तक है। इनमें गुप्तकालीन चित्र अति उत्कृष्ट है बाघ की गुफाओं के चित्र गुप्तकालीन है।
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