विश्व का इतिहास ( रूसी क्रांति तथा इटली में फासीवाद का उदय)

1. रूसी क्रांति


: रूस के शासक को जार कहा जाता था यह जारशाही व्यवस्था मार्च 1917 में रूसी क्रांति के फलस्वरुप समाप्त हुई रूसी क्रांति का तात्कालिक कारण प्रथम विश्व युद्ध में रूस की पराजय थी।

: एक बार एक चर्च और एक रूस का नारा जार निकोलस द्वितीय ने दिया।

: रूस में साम्यवाद की स्थापना 1898 ईस्वी में हुई थी।

: रूस में सबसे अधिक जनसंख्या इस्लाव  लोगों की थी।

: आधुनिक रूस का निर्माता स्टैलिन को माना जाता है बोल्शेविक उन्हें एक नई सरकार का गठन किया जिसका अध्यक्ष लेनिन बना तथा ट्राटस्कीको विदेश मंत्री बनाया गया।


: प्रथम विश्व युद्ध के दौरान लेनिन का नारा था _युद्ध का अंत करो।

: कार्ल मार्क्स का जीवन साथी रहा फ्रेडरिक एंजेल्स दुनिया के मजदूरों एक हो का नारा कार्ल मार्क्स ने दिया।

2. इटली में फासीवाद का उदय


: प्रथम विश्व युद्ध के बाद इटली की मित्र राष्ट्रों से असंतुष्टि तथा युद्धोपरांत सैनिकों की चटनी से उत्पन्न राजा की स्थिति को सुधारने के लिए मुसोलिनी ने भूतपूर्व सैनिकों की मदद से मिलान में एक संगठन बनाया जिसे फ़शिष्ठ कहा जाता था फासीवादी दल के स्वयंसेवक काली कमीज पहनते थे।

: फासीवादी शब्द इतावली मूल का है इसका प्रयोग सर्वप्रथम बेनिटो मुसोलिनी के नेतृत्व में चलाए गए आंदोलनों के लिए किया गया था मुसोलिनी को उसके सहयोगी ड्यूस कहते थे।

: मुसोलिनी ने 10 जून 1939 को द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान मित्र राष्ट्रों के विरुद्ध युद्ध की घोषणा की।


तो दोस्तों यह थे विश्व के इतिहास मेरे से मुख्य दो शीर्षक रूसी क्रांति तथा इटली में फासीवाद का उदय। अक्सर परीक्षा में इन दोनों शीर्षकों से केवल इन्हीं तथ्य में से प्रश्न पूछे जाते हैं, आशा करते हैं आपको यह पोस्ट पसंद आई होगी

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